प्राथमिक चिकित्सा और आपातकाल: इलेक्ट्रिक शॉक
इलेक्ट्रिक शॉक: (बिजली का झटका)
यह एक बहुत ही आम दुर्घटना है जो कई बार घातक हो सकती है.
बिजली के झटके का प्रभाव :
१. जब किसी व्यक्ति को एक बिजली के उपकरण या तारों या स्विचबोर्ड के पास चिल्लाते हुए पाया जाता है.
२. एक व्यक्ति बिजली के उपकरण के पास एक चीख के बाद बेहोश हो जाता है या तेज़ी से झतके खाता हुआ दिखायी पड़े.
३. किसी भी स्पष्ट चोट के बिना बेहोश व्यक्ति दिखायी पड़े या जलती हुई गंध महसूस करें.
४. सड़क पर राह चलते किसी व्यक्ति पर बिजली गिरने पर.
५. एक व्यक्ति के आसपास शोर्ट सिर्किट के लक्षण दिखायी पड़े.
जब एक व्यक्ति को झटका हो रहा हो, तब आप क्या कर सकते हैं
१. मुख्य स्विच बंद करें
२. तुरंत चिकित्सा सहायता के लिए फोन करें
३. रोगी और बिजली के स्रोत के बीच के संपर्क को तोडें
४. याद रखें - पीड़ित को छूना मत चाहे वह करीब के प्यारे रिश्तेदार क्यों न हों
५. अगर श्वास और दिल की धड़कन बंद हो गए हैं तो आप उनको दे सकते ह कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सी.पी.आर) दे सकते हैं.
६. अगर व्यक्ति, साँस ले रही है लेकिन बेहोश है, तो उसकी करवट बदल दें.
क्या नहीं करना चाहिए:
१. व्यक्ति को किसी भी तरह से ना छुएं,
२. बिजली की आग पर पानी ना छिडकें
३. हाई वोल्टेज बिजली के पास ना जाएँ
४. तुरंत मदद के लिए फ़ोन करें या किसी को बुलाएँ
बिजली के झतके के बारे में कुछ तथ्य :
बिजली का झटका लगना एक आपात स्थिथि है यदि व्यति को ज्यादा देर का झटका लगे तो उसकी जान जा सकती है.
यदि विद्युत धारा आपके शरीर के माध्यम से गुजरता ह, आपके दिल की लय संतुलन को बुरी तरह से प्रभावित कर सकता है या दिल का दौरा पड़ने की संभावना हो सकती है और आपके शरीर के आंतरिक हिस्सों के नुक्सान का कारण हो सकता है.
कभी कभी बिजली के झतके जिस् से आपके गिरने की संभावना हो सकती है और आपकी हड्डियों में चोट आने की सम्भावना हो सकती है.
पानी में खड़े व्यक्ति के लिए बिजली खतरनाक हो सकती है.
बहुधा पूछे जानेवाले प्रश्न
१. मरीज को क्या प्राथमिक उपचार दी जानी चाहिए ?
बुद्धिमत्तापूर्ण एवं तुंरत सक्रिय कार्यवाही की जरूरत होती है. विद्युत आघात वाले को छूने में सावधानी बरते यदि अभी भी उसे करेंट लगी हो, वरना आपको भी झतका लग सकता है.
यदि भुक्त भोगी अभी भी विद्युत तार के संपर्क में है तो आप उसे सूखी लकड़ी की छड़ी या बाँस को फँसा क्र अलग करें. यह काम आप अपने हाथों से भी कर सकते हैं. ध्यान रखें कि आपके हाथ मोटी रबर या सूखा कपड़ा या अखबार को मोड़कर करें.
एक बार जब व्यक्ति धारा से हटकर अवस्था में आ जाए तो तुंरत उसो मुख श्वसन दें और छाती कि मालिश करें यदि हृद्य कि धड़कन उर्श्वास का चलना रुक गया है. यह प्रक्रिया चालू रखें, चाहे व्यक्ति को अस्पताल लेकर जा रहे हो.
शरीर के प्रभावित भागों को एक नरम पट्टी के साथ घाव को छिपाना चाहिए.
भोगी को जल्द से जल्द अस्पताल ले जाएँ.
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