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Wednesday, January 21, 2009

दवा के उपयोग में सावधानियाँ

दवा के उपयोग में सावधानियाँ

सावधानी क्यों बरतें ?

बीमारी और स्वास्थ्य की समस्या से छुटकारा पाने के लिये दवा लेना जरूरी है । मामुली सिर दर्द या बुखार के लिये सीधे दुकान से दवा ली जा सकती है अथवा रोगी की पर्याप्त जाँच के बाद डॉक्टर विशिष्ट निदान कर दवा देता है ।

किसी भी प्रकार से दवा रोग के लक्षणों से आराम तो दिलाती है । कभी सही मात्रा व सही योग में दवा न लेने पर इससे कई विभिन्न समस्याएँ पैदा हो जाती है । इसलिए भले ही आप दवा की दुकान से सीधे खरीद कर अथवा डॉक्टर के परामर्श के बाद दवा का उपयोग करें तो पूरी सावधानी बरतना जरूरी है ।

दवा के बारे में आप क्या विवरण पढ़ते और समझते हैं :-

औषधी का नाम, उसके ब्राण्ड का नाम, मात्रा, उसकी अन्य उपयोगी फीचर जैसे सस्टेन्ड या एक्सटेन्डेड अवधि का दवा ।

दवा का वांछित असर और दवा का असर कैसे होगा इसकी जानकारी जैसे - पैरासिटामाल - बुखार कम करती है न कि इन्फैक्शन और इसका लाक्षणिक प्रभाव दो या तीन बार लेने पर होता है ।

सही तरीके से दवा कितनी बार और किस तरीके से लेना है । जैसे - दूध के साथ (भोजन के पहले) या भोजन के बाद रात में (जैसे निद्राकारक दवा), चबाकर लेना है या निगलना है आदि ।

दवा के अवांछित प्रभाव और उन्हें कैसे कम किया जा सकता है । जैसे - एलर्जी शामक दवा लेने से सुस्ती आती है तो उन्हें रात में अथवा भोजन के बाद लिया जाय ।

दवा के संभावित अन्तर-प्रतिक्रिया जैसे - भोजन, मध्यपान अथवा अन्य दवा के साथ प्रतिक्रिया व इनसे कैसे बचा जाय । जैसे - हैलोपेरिडॉल और मद्यपान या माओ-इनहिबिटार के साथ बी.पी. की प्रतिक्रिया आदि ।

दवा उपयोग की अवधि में बचने की प्रतिक्रियाएँ जैसे एन्टी हिस्टामिन या कोडीन युक्त खाँसी का सीरप वाहन का चालन न करें ।

दवा खरीदने और उपयोग में बरती जाने वाली सावधानियाँ :-

लेबल को ध्यान से पढें और उसकी औषधी को समझें, दवा का नाम पढें (कई औषधि स्पेलिंग और उच्चारण में एक जैसी लगती है) । दवा विकेता से सही मात्रा और अवधि की जानकारी ले लेवें ।

स्वयं से दवा कभी न लें । जैसे, दवा की मात्रा स्वयं ही घटाएँ या बढाएँ नहीं । प्रभाव न करने पर या तकलीफ होने पर बिना डॉक्टर की सलाह के ब्लड प्रेशर, हृदय रोग, मधुमेह की दवा कभी न रोकें ।

बिना डॉक्टर की सलाह के सीधी खरीदी दवा के साथ डॉक्टर की लिखी दवा का एक साथ उपयोग न करें । यदि आप किसी प्रकार की घरेलू दवा या आयुर्वेदिक दवा ले रहे हो तो डॉक्टर को इसकी सूचना देवें क्योंकि कभी कभी ऐसी दवाएँ एलोपेथी दवा के साथ गंभीर प्रतिक्रिया कर सकती है । यदि डॉक्टर को इसका पता न लगे तो वह आपकी चिकित्सा भी नहीं कर सकता ।

पक्के तौर पर घर में आपके अलावा किसी अन्य सदस्य को आपकी दवा की जानकारी होनी चाहिये । ताकि गंभीर समस्या होने पर वह डॉक्टर को समझा सके ।

आपको जैसा बताया गया है उसी तरीके से दवा लेवें, गोली को कभी तोड़े, चूरा न करें अथवा किसी सीरप में न घोलें । ऐसा करने से पहले डॉक्टर से सलाह ले लेवें । कभी कभी दवा का या तो असर नहीं होता अथवा अधिक प्रतिक्रिया भी हो सकती है । कभी-कभी दूध में भी घोलने से ऐसा हो सकता है ।

दवा की एक्सपायरी (प्रभावी काल) को सावधानी से देखें । चाहे वह आपके घर में हो अथवा खरीद रहे हों तारीख जरूर देखें । तारीख के बाद ही दवा के उपयोग के अवांछित दुष्परिणाम हो सकते हैं ।

अन्य किसी के लिये लिखि दवा, भले ही उसके लिये अच्छी हो आप उसे लेने का दुस्साहस न करें । आपके शरीर की जरूरत, रोग के लक्षण और दवा की प्रतिक्रिया सबके लिये अलग-अलग होती है । इसलिए डॉक्टर की सलाह से बच कर शार्टकर्ट मारकर अपने जीवन को धोके में न डालें ।

आपके डॉक्टर को आपकी एलर्जी आदि की पूरी जानकारी देवें और स्वास्थ्य समस्याएँ जैसे ब्लड प्रेशर, मधुमेह, एपिलेप्सी, हृदय रोग, गुर्दे का रोग, अस्थमा, गेस्ट्राइटिस आदि की जानकारी और कौनसी दवा आप ले रहे हैं पूरी बात अपने डॉक्टर को बताएँ ।

दवा को अच्छी तरह, सीधी धूप से बचाकर, शुष्क स्थान पर सुरक्षित रखें । तीखी गंध वाली दवा से दूर रखें । जब भी दवा लें तो उसका कवर पढ लेवें । अंधेरे में दवा कभी न लेवें । जैसे भूल जाने पर आधी नीन्द से उठकर कभी दवा न लेवें ।

सामान्यत दवा लेते समय मध्यपान न करें क्योंकि शराब से दवा के अवांछित प्रभाव हो सकते हैं जोकि कभी-कभी अत्यन्त गंभीर होते हैं । याद रखें आप अपने डॉक्टर से जरूर कहें कि आप नियमित शराब पीते हैं या शराबी हैं क्योंकि आपका लीवर शराबग्रस्त होता है और दवा के प्रभाव में अंतर आ सकता है ।

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