यह क्या है ?
यह संक्रामक रोग पक्षियों में होता है । इसकी शुरुआत पहले जंगली पक्षियों में होती है, फिर यह पालतु पक्षियों में और फिर इन पक्षियों के संपर्क में आने वाले आदमियों मे भी फैल जाता है । पहले यह केवल पक्षियों में होता था किन्तु आजकल पक्षी-पालकों में पोल्ट्री वाले लोगों में भी देखा जाता है । जैसे पश्चिम बंगाल और दक्षिण पूर्व एशियन देशों आदि में होता है ।
यह कैसे होता है ?
इसका कारक जीव एच 5 एन । अत्यन्त संक्रामक होता है । अभी यह स्पष्ट नहीं है कि मनुष्यों में भी इसी वायरस से फ्लू होता है । मनुष्यों में इसके फैलने की सही जानकारी अध्ययनरत है और विवादग्रस्त है । फिर भी यह निश्चित है कि पक्षियों का नजदीक से सम्पर्क इसका कारण है । क्योंकि इन पक्षियों में वायरस होता है और इससे इनफेक्शन फैलता है ।
इसके मुख्य लक्षण क्या हैं ?
आरंभ में इसके लक्षण गले की खराश और श्वास नलिका के इन्फेक्शन से मिलते जुलते रहते हैं ।
* धीरे-धीरे फ्लू के जैसे लक्षण विकसित होते हैं, जैसे बुखार, मतली और प्रायः कंजस्टिवाइटिस होता है ।
* तीव्र रोगियों में, इस इन्फेक्शन से सॉंस की तकलीफ होकर मृत्यु भी हो सकती है ।
इसका निदान कैसे होता है?
इसके लिए रक्त परीक्षा पर्याप्त नहीं होती । कुछ फ्लू के रोगियों में विशेष प्रकार के डिपटेस्ट से इसका निदान किया जाता है ।
इसका ईलाज क्या है ?
फ्लू की चिकित्सा जैसे ही इसकी चिकित्सा की जाती है । किन्तु इसके परिणाम अपेक्षाकृत नहीं होते । मनुष्यों में विभि प्रकार के वायरल इन्फेक्शन के लिए औषधि की खोज जरूरी है ।
कुछ वेबसाईट
somequickfactsaboutbirdflu.sify.com
mediline_birdflu
webindia23special articles_avianflu, birdflu
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