प्लेग क्या है ?
यह एक बैक्टिरिया रोग है । यह येरसिनिया पेस्टिस (पूर्व नाम -पेस्टूरेला पेस्टिस) नामक बैक्टिरिया से होता है । ब्यूबोनिक प्लेग इसका प्रचलित प्रकार है ।
यह कैसे होता है ?
चमड़ी के इन्फेक्शन प्रवेश करके लिंफेटिक तक जाता है । जैसा कि प्रायः कीट पतंगों के इन्फेक्शन में होता है, ब्यबोनिक प्लेग लिंफेटिक संस्थान का इन्फेक्शन होता है । प्रायः संक्रमित मक्खी के काटने से होता है । ये मक्खियॉं चूहों जैसे कृन्तको पर पाई जाती है और इनका मेजबान कृन्तक मरने पर दूसरे को शिकार बनाती हैं । एक बार जमने पर बैक्टिरिया लिम्फ नोड पर आक्रमण करके बढ़ने लगते हैं । वरसिनिया पेस्टिस फैगोसाइटोसिस से बचते हैं और फैगोसाईट के अन्दर जननकर उसे समाप्त भी कर देते हैं और जैसे जैसे रोग बढ़ता है लिम्फकोड से रक्त का रिसाव होता है इसका पूरा परिगलन हो जाता है ।
रोग का दूसरा स्वरूप निमोनिक प्लेग होता है, जो फेफड़ों का इन्फेक्शन होता है । इसके परिणाम स्वरूप निमोनिया पनपकर तेजी से फैलता है । आमतौर पर यह कम घातक होता है किन्तु यह खतरनाक और चिकित्सा न करने पर घातक होता है ।
प्लेग के प्रमुख लक्षण क्या हैं ?
ब्यूबोनिक प्लेग का प्रसिद्ध लक्षण लिंफ की ग्रन्थियों की सूजन है - जिसे ब्यूबोज कहते हैं । रोग के निमोनिक प्रकार में सॉंस का भारीपन, छाती में दर्द, दम फूलना आदि लक्षण होते हैं और चिकित्सा न किये जाने पर तीव्र श्वसन फेलयर हो जाता है ।
इसका निदान कैसे होता है?
लिंफ ग्रन्थि और रक्त के नमूनों में बैक्टिरिया देखे जाते हैं । रोग का निदान लाक्षणिक ब्यूबोज के प्रकट होने से हो जाता है ।
इसका इलाज कैसे होता है ?
एंटीबायोटिक का उपयोग ही इसकी चिकित्सा है । ये एंटीबायोटिक हैं - एमानोग्लाइकोसाईड, स्ट्रेप्टोमाइसिन और जेन्टामाइसिन, टेट्रासाइक्लिन, डॉक्सिसाइक्लिन और फ्लूरोक्यूनिलोन समूह के सिप्रोफ्लोक्सिन
उपयोगी वेबसाईट -
bubouiplague_wikipedia, the free encyclopedia
mediline plus medical encyclopedia : plague
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