यह क्या है ?
रतिरोग या वेनेरियल रोग वे रोग है जो किसी के यौन संपर्क, यौनि, मौखिक या गुद संभोग के कारण होते हैं ।
यह कैसे होता है ?
रतिरोग के विभिन रूप हैं –
बैक्टिरिया -
* शैंक्रयड (हीमोफिलस ड्यूकार्ड)
* डोनोवेट्रोसिस ( ग्रेनूलोमा इंगावनेल या केलिमेटो बैक्टिरियम ग्रेनूलोमिटिस)
* गोनोरिया (निंसिरिया गोनोरी)
* लिंफोग्रेनूलोमा वेनेरियम (एल.जी.वी.), क्लामाईडिया, ट्रकोमेटिस सिरोटाईप एल1, एल2, एल3 ।
* नॉन-गोनोकॉकस यूरेथ्रटिस (एन.जी.यू.)(यूरोप्लाज्मा यूरेलियम या माइकोप्लाज्मा ट्रांसमिसिबल)
* सिफिलिस (ट्रैपोनिमा पैलिडिम)
फंगल
* टिनिया क्रूरिस जॉकइच (ट्राइकोफायटोन रुब्रम और अन्य) -यौनाचर जनित
* यीस्ट का संक्रमण
वायरल
* एडिनोवायरस, जो मोटापे का कारण समझा जाता है । यौनाचार द्रव (मल अथवा श्वसन द्रव)
* वायरल हिपेटाइटिस
हिपेटाइस बी वायरस (लीवर कैंसर) लार, यौनाचार द्रव
नोट : हिपेटाइटिस ए और ई मल और मुख द्वार से फैलते हैं । हिपेटाइटिस सी (लीवर कैंसर) यौनाचार से दुर्लभ फैलता है । हिपेटाइटिस डी फैलने का कारण अज्ञात है, किन्तु यौनाचार से फैल सकता है ।
* हर्पिस सिंप्लेक्स (हार्पिस सिंप्लेक्स वायरस 1,2), एच एस वी 2, त्वचा या म्यूकोस से बिना फफोलों से भी फैल सकता है ।
* हर्पिस सिंप्लेक्स वायरस 1 अल्जाईमर रोग संबद्ध हो सकता है ।
* एच आई वी / एड्स (ह्यूमैन इम्यूनोडिफिशियेंसी वायरस)- यौनाचार द्रव
* ह्यूमैन पौपिलोमा वायरस (एच पी वी - लगभग 30-40 में यौनाचार से फैलता है) बिना वार्ट की उपस्थिति में त्वचा या म्यूकोसा से फैलता है ।
इन एच की स्ट्रैन से गुद-जननेद्रिय, मुख, गला और श्वसन संस्थान के वार्ट हो सकते है ।
इनसे डिसप्लेसिया होकर, योनिग्रीवा का कैंसर, शिश्न का कैंसर, गुदा का कैंसर, सिर या गर्दन का कैंसर, श्वसन का पैपिलोमेटोसिस हो सकता है ।
* म्यूकोसम कॉन्टेजिपोससम (एम सी वी) -नजदीकी संपर्क द्वारा
* मानो न्यूक्लियोसिस (सी एम वी-हर्पिज 5 ई बी वी- हर्पिज 4) ई बी वी लार द्वारा , सी एम वी लार, स्वेद, मूत्र, मल और यौनाचार द्रव द्वारा
* कोपोस्की का सारकोमा 6 यह सारकोमा हर्पिज वायरस से संबद्ध होता है ।
पैरासाईट
* उरूमूल केश की जुएँ, जिसे क्रैब भी कहते हैं । (फिथ्रिमस ज्यूबिस)
* खुजली (सारकोपेटिस स्कैगई)
प्रोटो जोआ
· ट्राइकोमोनिपासिस (ट्राइकोमानास वजैनेलिस)
यौनाचार से आँतों का इन्फेक्शन
कई बैक्टिरिय के इन्फेक्शन (शाइगेल्ला, कैंपेलोबेक्टर या सालमोनेला) वायरल (हिपेटाइटिस ए, एडिनो वायरस) या पैरासाईट (जियारडिया या अमीबा) यौनाचार से संक्रमण हो गुद और मौखिक संक्रमण पैदा करते हैं ।
यौनाचार के खिलौने को बिना साफ किये उपयोग करने अथवा कई सहभागी एक खिलौने का उपयोग करने पर गुद-मुख के कांबीनेशन के रोग होते हैं । प्रोक्टाइटिस के बिना भी ये बैक्टिरिया गुदा में उपस्थित रहते हैं । ये प्राय अतिसार, बुखार, आध्मान, मतली और पेट का दर्द पैदा करते हैं । इससे रतिरोग अवह संस्थान में फैलने का अनुमान लगाया जाता है ।
मुख द्वारा रतिरोग का इन्फेक्शन
साधारण जुकाम, फ्लू, स्ट्रप्टोकोकस ऑरियस, ई कोलाई, एजिनो वायरस, ह्यमैन पैपिलोमा वायरस, मौखिक हर्पिज (1,2 और 4,5,8) , हिपेटाइटिस बी और यीस्ट, कैनडिडा एल्विकैन से मुख द्वारा इन्फेक्शन फैल सकता है ।
इसके मुख्य लक्षण क्या है ।
कारण के आधार पर लक्षण होते हैं । किन्त जननेन्द्रिय में घाव हो सर्व साधारण बात होती है । इसमें रिसावहीन भी हो सकता है, जो किसी स्त्रियों में सामान्यतया होता है ।
उपयोगी वेबसाईट -
sexually transmitted disease_wikipedia, the tree encyclopedia
sexually transmitted disease_information from cdc
national portal of
national aids. policy
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