डेंगू क्या है ?
यह एडिस मच्छर के काटने से होने वाला एक तीव्र वायरल इन्फेक्शन है । इससे शरीर की सामान्य क्लॉटिंग (थक्का जमना) की प्रक्रिया अव्यवस्थित हो जाती है । ऐसी अवस्था प्लेटलेट के बहुतायत में नष्ट होने के कारण होती है । इससे कभी कभी घातक रूप में सारे शरीर में रक्तस्राव होने लगता है ।
यह कैसे होता है ?
डेंगू एक विशिष्ट वायरस से होता है । यह वायरस एक प्रकार के एडिस एगेप्टी नामक मच्छर के काटने से हमारे शरीर में प्रवेश करता है । ये मच्छर दिन में काटते हैं ।
ये मच्छर ऐसे स्वच्छ पानी में जहॉं कई दिनों से हलचल न हो उस स्थान पर ब्रीड करते हैं । पानी के पुराने टैंकों में पानी की सतह पर बड़ी संख्या में लार्वा देखे जा सकते हैं । जल संकाय, मछली के खुले टैंक, साफ झील आदि, बरसात और बाढ़ में महामारी के बड़े स्रोत होते हैं ।
किसी संक्रमित आदमी को काटने से मच्छर संक्रमित हो जाते हैं और एक सप्ताह में किसी स्वस्थ आदमी को काट कर इन्फेक्शन फैलाते हैं । एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में इन्फेक्शन नहीं फैलता ।
वायरस शरीर में प्रवेश कर प्लेटलेट पर आक्रमण करता है । प्लेटलेट शरीर में रक्तस्राव रोकने में प्रमुख भूमिका निभाते हैं । शरीर में प्लेटलेट की संख्या चिंताजनक स्तर तक गिर जाती है । इससे असामान्य रक्तस्राव हो सकता है, जो कि चमड़ी, आमाशय, आंतों और शरीर के अन्य रन्ध्रों से होता है ।
एक छोटी मार लगने पर भी बहुत तेज रक्तस्राव होने लगता है, क्योंकि रक्त क्लॉट (जमने) नहीं हो पाता ।
इसके मुख्य लक्षण क्या हैं ?
डेंगू के प्रारूपिक लक्षण होते हैं । थोड़ा-सा संदेह होने पर पूरी सावधानी बरतना जरूरी होता है । मुख्य लक्षण ये हैं -
* तेज बुखार, दवा उपचार पर भी कम न होना ।
* अत्यन्त तेज शरीर दर्द, विशेषकर जोड़ों और अस्थियों का दर्द ।
* तेज सिर दर्द
* हाथ पैर में चकत्ते होना, विशेषकर दबे भागों में
* मतली और वमन हो सकते हैं
* गंभीर रोगियों में पहले केवल वमन फिर ताजा रक्त या कॉफी के रंग का वमन होता है । मल भी गहरा भूरा या काला होता है ।
इसका निदान कैसे होता है?
संदेहास्पद रोगियों रक्त परीक्षा करने पर प्लेटलेट की कम सख्या पायी जाती है । हिमोग्लोबिन सामान्य हो सकता है । रक्त का ब्लीडिंग और क्लॉटिंग समय लंबा हो सकता है ।
डेंगू का सही निदान रक्त परीक्षा में वायरल एंटीजन की उपस्थिति से होता है ।
डेंगू की चिकित्सा कैसे होती है ?
डेंगू की सहायात्मक चिकित्सा की जाती है । इस वायरस का कोई ईलाज नहीं है । नष्ट हुए प्लेटलेट की पूर्ति के लिए प्लेटलेट का ट्रान्सफ्यूजन, रक्त और बड़ी मात्रा में अन्तशिरा द्वारा द्रव दिया जाता है ।
मलेरिया और अन्य इन्फेक्शन की रोकथाम के लिए अतिरिक्त एंटीबायोटिक दिया जाता है । यह निवारणोपचार होता है और हमेशा इसकी आवश्यकता नहीं होती ।
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